Sunday, March 25, 2012

जब कोई बच्चा लैंगीक शोषण का शीकार होता है ,
तब वो एक जींदा लाश बनकर रह जाता है l 
कहना तो बोहोत कुछ चाहता है,
मगर सेहेम कर बस चुप रह जाता है l
यु तो सारी दुनीया होती है उसके आस पास,
लेकीन वो अपनी ही एक नयी दुनीया बसाता है l

Saturday, March 24, 2012

माता पीता का सपना हम पूरा करेंगे , 
खूब पढेंगे आगे बढ़ेंगे l
हो दुनीया में कीतना भी अत्याचार, 
हम दटेंगे और लड़ेंगे l


Friday, March 23, 2012

अब तक हम ठीक से अपना बचपन भी समझ नहीं पाए,
शादी के बंधन को कैसे समझ पाएंगे l

बाल मजदूरी करवाकर हम उनका भिवष्य नष्ट करते है l


बच्चे भगवान् का रूप होते है ,
बच्चे भूखे याने साक्षात भगवान भूखे l


Tuesday, March 20, 2012

"मैंने सामने के घर की खीडकी में कई कमीज (shirt) देखी ;

लेकीन मैंने अपनी कमीज़ (shirt) में कई खीडकीयों को देखा "

काष... हमारा भी कोई होता,
काष...हम भी कीसी अछे घर में पैदा होते !